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चित्र संवाद के लिए माता-पिता मार्गदर्शिका

हम सब ने अपनी बाल अवस्था में रो कर ही अपनी ज़रूरतों को व्यक्त करना सीखा था। फिर चाहे वो ये बताना की मैं भूखा हूँ या ये की मुझे अच्छा नहीं लग रहा। वक्त क साथ बच्चा विभिन्न तरीकों से अपनी ज़रूरतों को व्यक्त करता है। कभी हंस कर या कभी रो कर बताता ह की वो क्या चाहता ह। बच्चे अपने वातावरण से भी अलग अलग चीज़ों का विवरण करने का इशारा करना सीखते हैं।

परन्तु अक्सर , हमारा झुकाव शाब्दिक कौशल के विकास पर रहता है जिसके कारण अशाब्दिक कौशल धीरे धीरे विलुप्त हो जाता है। कभी-कभी, ऑटिज्म या अन्य विकासात्मक विकलांगता वाले व्यक्तियों को वर्बल संवाद में अतिरिक्त समर्थन की आवश्यकता हो सकती है। चित्र संवाद, खासकर जब वर्बल अभिव्यक्ति कठिन रहती है, तो संवाद को सुगम बनाने के लिए मौल्यवान उपकरण के रूप में कारगर हो सकते हैं।चित्र संवाद का उपयोग करने से सीखने की प्रक्रिया में मजा आता है, और संवाद के साथ जुड़ी चिंता को कम करने में मदद करता है।

चित्र संवाद का उपयोग करने के तरीके:

  1. चित्र सूची(पिक्चर स्केडूल)-इसमें चित्र के उपयोग से किसी गतिविधि या एक दिने में किये जाने वाले सभी कार्य के विभिन्न चरणों को क्रमबद्ध तरिके से दर्शाया जाता है। उदाहरण के तौर पे –

2. पहले और बाद में किये  जाने वाली समय सारणी (क्या करना है और क्या हो चुका है )-‘ पहले करनी वाली’ एक कागज़ पर वे सारी गतिविधि लिखी हैं जो पहले करनी है,अलग हो सकने वाले चित्र प्रारूप गतिविधियों को -”अभी”,”उसके बाद” और “आखिर में” ऐसे सूचीबद्ध किया जा सकता है। यह  हम चित्रों की माध्यम से या  बोर्ड  पर सरल चित्र बनाकर प्रत्येक गतिविधि के लिए निर्धारित समय बताकर दिखा सकते है। यह  हम चित्रों की माध्यम से या  बोर्ड  पर सरल चित्र बनाकर प्रत्येक गतिविधि के लिए निर्धारित समय बताकर दिखा सकते है। अधिक जानकारी के लिए, ‘पहले फिर’ बोर्ड्स’ पर यह ब्लॉग पढ़ें।

3. संकेत भाषा –इसमें संवाद के लिए सांकेतिक भाषा का उपयोग किया जाता है। कुछ बच्चे अशाब्दिक तरीकों से संवाद सरलता से कर पाते हैं जैसे संकेत से या हावभाव से।

4.सहायक तकनीक -चित्र संवाद को Jellow और Awaaz जैसे एप्लिकेशन के माध्यम से भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिनमें संवाद के लिए उपयोग होने वाली चित्रों की सूची होती है

बच्चों को स्वस्थ्य व्यवहार सिखाना:

  • कभी कभी कुछ चित्र बच्चों को किसी कार्य को पूरा करने के लिए इनाम स्वरुप उपयोग कर सकते हैं। ये इनाम काम पूरा करने पे बच्चे का मनोबल बढ़ाता है।
  • उदाहरण के लिए- “अभी करने” वाली तालिका में आकार को अलग अलग करने वाली गतिविधि है और “उसके बाद” वाली तालिका में इनाम के रूप में एक खिलौना है। यहाँ कार्य पूरा करने के लिए चित्रों का उपयोग प्रोत्साहित करने या रिश्वत की तरह किया जा सकता है।
  • इसका मतलब है हमें सर्जनात्मक होने की जरूरत है और यह भी देखना है कि:
    क्या गतिविधि मजेदार है?
    क्या यह तकनीक बच्चे के विकास के स्तर अनुकूल है ?
    क्या यह बच्चे को व्यस्त रख पाती है ?
    बच्चे को खेलने के लिए निमंत्रित और प्रेरित कर रहा है ?

क्या चित्र संवाद का उपयोग मेरे बच्चे के वाक्यिक विकास को प्रभावित करेगा?

  • चित्र संवाद का उपयोग करते समय माता-पिता की प्रमुख चिंता यह है कि बच्चा ‘भाषा’ विकास या ‘वर्बल’ विकास में पीछे न रह जाए। जबकि यह अच्छा है कि आप अपने बच्चे को नए शब्द सीखने और उनकी शब्दावली को बढ़ाने के लिए प्रेरित करें, और अधिक महत्वपूर्ण है कि वे किसी भी रूप में संवाद करना सीखें।
  • हमें कई बार ऐसे संदर्भों का सामना करना पड़ता है जब हम वाक्य में सही शब्द नहीं मिला पाते। तो सोचिये एक बच्चे को ज़िंदगी भर खुद को व्यक्त करने का सही तरीका खोजने एवं आवज का सही तरीके से व्यक्त करने का प्रयास करने में कितनी झुंझलाहट होती होगी।
  • बस इस बात का ध्यान रखें कि चित्रों का उपयोग आपके बच्चे को बेहतरीन संवाद करने में मदद करे और उन्हें अपने आत्मव्यक्ति करने में आने वाले परेशानी को कम करे । यह महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें विकास के लिए सही संसाधन और वातावरण प्रदान करें।

यदि आपको ऑटिस्म, डाउन सिंड्रोम, एडीएचडी, या अंय बौद्धिक विकलांग के बारे में सवाल है, या एक बच्चे में विकास में देरी के बारे में चिंता है, नई दिशा टीम यहां मदद करने के लिए है । इसलिए, किसी भी प्रश्न या प्रश्न के लिए, कृपया 844-844-8996 पर हमारी मुफ्त हेल्पलाइन से संपर्क करें। आप या तो कॉल कर सकते हैं या हमें वॉट्स एप कर सकते है।

अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि यह गाइड केवल जानकारी उद्देश्यों के लिए है। कृपया किसी भी कानूनी परामर्श या अपने बच्चे की जरूरतों से संबंधित सलाह के लिए एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें ।

Continua Kids Gurugram (Sector 50)

Continua Kids from Gurugram (Sector 50) is a Therapy Centre. They work with children with Autism, Down Syndrome, Cerebral Palsy and other intellectual and developmental disabilities.

Their services include ABA Therapy, Occupational Therapy, Speech Therapy, Special Education, Physiotherapy, Psychological Test.

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