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ओरोमोटर स्किल्स और उनका बोलने और खाने में रोल

Ms Chitra Thadathil

Ms.Chitra Thadathil

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Key Takeaways:

  1. ओरल मोटर स्किल्स (मुंह की मांसपेशियों की कसरत) डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों को बोलने और खाने में मदद करती हैं, क्योंकि ये जीभ, होंठ और जबड़ा मजबूत बनाती हैं।
  2. चबाना, निगलना और अलग-अलग खाने की चीज़ों को महसूस करना बोलने की मांसपेशियों को नॅचरली  (स्वाभाविक रूप से) मजबूत करता है।
  3. बच्चे का स्वास्थ्य और उसका मूड (भावनात्मक स्थिति) थेरेपी में भाग लेने की उसकी क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।
  4. कुछ बच्चों को खाने और बोलने की प्रैक्टिस उनके अलग-अलग सेंस (संवेदनाओं) के कारण आसान या मुश्किल लग सकती है।
  5. बुलबुले उड़ाना और स्ट्रॉ से पीना जैसे मज़ेदार खेल मुंह की ताकत बढ़ाने में मदद करते हैं।
  6. बच्चे की नॅचरल हरकतों को बढ़ावा देना और उसकी सेंसरी ज़रूरतों का ध्यान रखना सीखने को आसान बना देता है।

नयी दिशा ने एक स्पीच थेरेपी वर्कशॉप का आयोजन किया, जिसमें स्पीच और लैंग्वेज एक्सपर्ट मिस चित्रा थडाथिल ने हिस्सा लिया। उन्होंने कई जरूरी बातें बताईं।

ओरोमोटर स्किल्स का मतलब है – जीभ, होंठ, जबड़ा और उन मांसपेशियों की हरकत और तालमेल, जो हम बोलने और खाने में इस्तेमाल करते हैं। ये मांसपेशियां बहुत छोटी होती हैं और हाथ-पैर की तरह इन्हें सीधा चलाना मुश्किल होता है। इसलिए ये नॅचरली (स्वाभाविक रूप से) चबाने, निगलने और मुंह से खेल करने जैसी गतिविधियों से विकसित होती हैं। जब ये मांसपेशियां मजबूत होती हैं, तो बोलना साफ होता है और खाना खाना भी आसान हो जाता है।

 खाना खाना बोलने के विकास में कैसे मदद करता है

• जब बच्चा खाना चबाता है, मुंह में इधर-उधर घुमाता है, निगलता है या अलग-अलग खाने की चीज़ों को महसूस करता है, तो वह बोलने वाली मांसपेशियों की नॅचरल एक्सरसाइज कर रहा होता है।
• जैसे होंठों को बंद करना, जीभ को हिलाना और जबड़े को स्थिर रखना — ये सब साफ़ बोलने में मदद करते हैं।
• ओरल मसाज (मालिश) से थोड़ी मदद मिल सकती है, लेकिन असली फायदा तब होता है जब बच्चा रोज़मर्रा की एक्टिविटी में इन मांसपेशियों का इस्तेमाल करता है।

ओरोमोटर स्किल्स को प्रभावित करने वाले मुख्य कारण

  1. शारीरिक और मानसिक सेहत
    • बच्चे का शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य इस बात को प्रभावित करता है कि वह थेरेपी में कितना अच्छे से भाग ले पाएगा।
    • अगर बच्चा बीमार है, थका हुआ है या बहुत परेशान है, तो उसके लिए बोलने और खाने की एक्सरसाइज करना मुश्किल हो सकता है और उसका फायदा भी कम मिलेगा।

2. सेंसरी प्रोसेसिंग में अंतर और ओरल मोटर स्किल्स

– कुछ बच्चों को मुंह से जुड़ी चीज़ों को महसूस करने का तरीका दूसरों से अलग होता है, जिससे उनके खाने और बोलने दोनों पर असर पड़ सकता है।

  • हाइपो सेंसिटिविटी (कम सेंसरी महसूस होना):
    • ऐसे बच्चों को मुंह में खाना ठीक से महसूस नहीं होता, जिससे चबाना और जीभ हिलाना मुश्किल हो जाता है।
    • वे तेज स्वाद या अलग-अलग टेक्सचर वाला खाना पसंद कर सकते हैं, ताकि उन्हें ज़्यादा सेंसेशन (महसूस) हो।
  • हाइपर सेंसिटिविटी (बहुत ज़्यादा सेंसरी महसूस होना):
    • कुछ खाने की चीज़ों की टेक्सचर, तापमान या मुंह में महसूस होना उन्हें बहुत ज़्यादा या असहज लग सकता है।
    • इससे बच्चा कुछ खाने से मना कर सकता है या स्पीच एक्सरसाइज में दिक्कत महसूस कर सकता है।
  • मिक्स्ड सेंसरी डिफरेंस (मिश्रित अनुभव):
    • कुछ बच्चों को एक ही समय पर कुछ चीज़ों की कम महसूस होती है और कुछ बहुत ज़्यादा, जिससे उनका रिएक्शन अलग-अलग और कभी-कभी समझना मुश्किल हो जाता है।

3. खेल और अनुभव से ओरल मोटर ताकत बढ़ाना

• बोलने की मांसपेशियां सिर्फ अभ्यास से नहीं, बल्कि हरकत और अनुभव से मजबूत होती हैं।
• बुलबुले उड़ाना, स्ट्रॉ से पीना, चबाने में मेहनत वाले खाने (जैसे ड्राय फ्रूट्स या चबाने वाले स्नैक्स) खाना, और मज़ेदार मुंह की हरकतें करना — ये सब मांसपेशियों को नेचुरली मजबूत बनाते हैं।
• बच्चों को अलग-अलग खाने की टेक्सचर को आज़माने देना, चेहरे की बड़ी-बड़ी हरकतों की प्रैक्टिस कराना और मज़ेदार मुंह की एक्सरसाइज करवाना बहुत फायदेमंद हो सकता है।

सहारा देने वाला तरीका अपनाना

बच्चे की सेंसरी पसंद का सम्मान करें – अगर बच्चा किसी खाने या एक्सरसाइज को करने से मना करता है, तो उसे ज़बरदस्ती न करें, बल्कि उसे आरामदायक तरीके से करने दें।
नॅचरल मूवमेंट को बढ़ावा दें – जैसे चबाना, फूंक मारना, स्ट्रॉ से पीना और मज़ेदार बोलने की गतिविधियाँ।
इसे मज़ेदार और दिलचस्प बनाएं – दबाव न डालें, बल्कि इन एक्टिविटीज़ को रोज़मर्रा की मस्ती भरी दिनचर्या में शामिल करें।

हर बच्चे की ओरल मोटर की यात्रा अलग होती है। अगर सही तरीके से सहारा दिया जाए और बच्चे की ताकत पर ध्यान दिया जाए, तो वह धीरे-धीरे आरामदायक और नॅचरल तरीके से बोलने और खाने की स्किल्स सीख सकता है।

अधिक जानकारी के लिए: आप डाउन सिंड्रोम से जुड़ी लंबी देखभाल और भलाई पर बनी यह केयरगिवर गाइड डाउनलोड कर सकते हैं।

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महत्वपूर्ण सूचना: यह गाइड केवल जानकारी के लिए है। कृपया किसी योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह ज़रूर लें।

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