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डिस्कैल्कुलिया क्या है और इसे कैसे ठीक करें

FaridaRaj_SEducator

Farida Raj

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Key Takeaways:

  • डिस्कैल्कुलिया एक विशेष प्रकार की सीखने में कठिनाई है, जिसमें किसी व्यक्ति को नंबर (संख्याएँ) समझने और उनके साथ काम करने में दिक्कत होती है।
  • इसका बुद्धि या मेहनत से कोई लेना-देना नहीं होता।
  • जिन बच्चों को डिस्कैल्कुलिया होता है, उन्हें सरल गणित, मैथ्स के नियम याद रखना, या समय और माप जैसे कॉन्सेप्ट समझना मुश्किल लग सकता है।
  • अगर बच्चों को समय पर मदद, धैर्य, और उनकी ताकत के अनुसार सिखाया जाए, तो वे आत्मविश्वास से सीख सकते हैं और खुद को दूसरों जैसा महसूस कर सकते हैं।
  • हर बच्चा अलग होता है—सिर्फ कुछ लक्षण देखकर ही यह नहीं कहा जा सकता कि उसे डिस्कैल्कुलिया है। अगर आपको लगातार दिक्कतें दिखें, तो किसी विशेषज्ञ से पूरा मूल्यांकन (जांच) करवाना अच्छा रहेगा।
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Dyscalculia डिस्कैल्कुलिया क्या है?

डिस्कैल्कुलिया (Dyscalculia) एक सीखने में कठिनाई (learning disability) है, जिसमें व्यक्ति को नंबर और गणितीय कॉन्सेप्ट समझने में दिक्कत होती है। कभी-कभी इसे लोग “मैथ डिस्लेक्सिया” भी कहते हैं (हालांकि यह मेडिकल शब्द नहीं है)। इस परेशानी में व्यक्ति को निम्न चीज़ें करने में कठिनाई होती है:

  • नंबर पहचानना
  • मात्रा (कितना कम या ज़्यादा) समझना
  • मैथ्स के फैक्ट्स याद रखना (जैसे पहाड़े)
  • समय या दूरी का अंदाज़ा लगाना
  • स्टेप बाय स्टेप सवाल हल करना

यह परेशानी आम गणित की मुश्किलों से अलग होती है। बच्चों को लगातार अभ्यास और पढ़ाई के बाद भी दिक्कत बनी रह सकती है। लेकिन सही मदद और सिखाने के तरीके से वे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं।

डिस्कैल्कुलिया (Dyscalculia)  और दिमाग की भूमिका

डिस्कैल्कुलिया का संबंध दिमाग के उन हिस्सों से होता है जो नंबर और जगह से जुड़ी जानकारी को प्रोसेस करते हैं। यह खराब पढ़ाई या मेहनत की कमी की वजह से नहीं होता।

यह एक विशेष प्रकार की सीखने की कठिनाई है (जैसे डिस्लेक्सिया या डिसग्राफिया) और अक्सर परिवार में चलती है। यह एडीएचडी (ADHD) या डिस्लेक्सिया जैसी अन्य स्थितियों के साथ भी हो सकती है।

डिस्कैल्कुलिया (Dyscalculia)  के लक्षण – उम्र के हिसाब से

छोटी उम्र (प्री-स्कूल या शुरुआती क्लासेज़):

    • गिनती सीखने में परेशानी
    • “ज़्यादा” या “कम” का मतलब समझने में दिक्कत
    • पैटर्न (जैसे बड़ा-छोटा-बड़ा) नहीं पहचान पाना
  • नंबरों को उल्टा-पुल्टा समझना (जैसे 6 और 9 में गड़बड़ी)

प्राइमरी स्कूल में:

  • जोड़-घटाव जैसे बेसिक मैथ ऑपरेशन सीखने में कठिनाई
  • आसान सवाल हल करने में ज़्यादा समय लगाना
  • मैथ्स के चिन्हों को लेकर कन्फ्यूजन (+, –, ×, ÷)
  • पैसे की वैल्यू या समय समझने में परेशानी

मिडिल और हाई स्कूल में:

  • मैथ्स के काम से बचने की कोशिश या चिंता महसूस करना
  • मात्रा या समय का अंदाज़ा लगाने में दिक्कत
  • फॉर्मूले याद रखने या मन में गणना करने में परेशानी
  • चार्ट, ग्राफ़ या शब्दों में दिए गए सवाल समझने में दिक्कत

भावनात्मक असर (Emotional Impact)

डिस्कैल्कुलिया (Dyscalculia)  वाले बच्चों को अक्सर गुस्सा, शर्म या निराशा महसूस होती है। वे कहते हैं:
“मुझसे मैथ्स नहीं होता” या “मैं कभी नहीं सीख पाऊंगा।”

इसका असर उनके आत्मविश्वास, स्कूल में भागीदारी और आत्म-सम्मान (self-worth) पर पड़ सकता है।

इसलिए माता-पिता और टीचर्स का ये ज़िम्मा है कि वे प्यार और धैर्य से बच्चे का साथ दें और उन्हें समझाएं कि उनका दिमाग बस अलग तरीके से सीखता है। सही मदद से बच्चा सफल हो सकता है।

डिस्कैल्कुलिया (Dyscalculia)  की पहचान कैसे होती है?

डिस्कैल्कुलिया की पहचान के लिए कोई एक टेस्ट नहीं होता। इसका डायग्नोसिस आमतौर पर साइकोलॉजिस्ट या स्पेशल एजुकेटर करते हैं, जो:

  • बच्चे का विकास और सीखने का इतिहास देखते हैं
  • उम्र के अनुसार मैथ्स से जुड़े टेस्ट लेते हैं
  • यह देखते हैं कि कहीं समस्या की वजह सुनने या देखने की कमी तो नहीं है

अगर आपको बच्चे में लगातार ऐसी कठिनाइयाँ दिखें, तो किसी विशेषज्ञ से बात करें। समय रहते पहचान हो जाए तो बच्चे को सही मदद और स्पेशल सपोर्ट मिल सकता है।

डिस्कैल्कुलिया वाले बच्चों की मदद करने के आसान तरीके

बच्चों को कैसे मदद करें (Tips to Support Children with Dyscalculia)

  • विज़ुअल चीज़ों का इस्तेमाल करें: जैसे नंबर लाइन, चार्ट्स, गिनने वाले पत्थर या बटन – ये गणित को आसान और समझने लायक बनाते हैं।
  • काम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटें: इससे बच्चा एक बार में एक स्टेप पर ध्यान दे पाता है और उसे ज़्यादा बोझ महसूस नहीं होता।
  • उपकरणों को इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करें: कैलकुलेटर, मोबाइल ऐप्स या अपनी उंगलियाँ भी इस्तेमाल करने दें – ये सब मदद के तरीके हैं।
  • गणित के खेल खेलें: जैसे पासे, कार्ड या ब्लॉक्स के खेल – इससे बच्चा खेल-खेल में सीखता है और उसे मज़ा आता है।
  • हर छोटी प्रगति का जश्न मनाएं: जो बच्चा कर पा रहा है, उस पर ध्यान दें और उसी से आगे बढ़ाएं।

 डिस्कैल्कुलिया और रोज़मर्रा की ज़िंदगी (Dyscalculia and Everyday Life)

गणित तो हर जगह होता है – जैसे:

  • खरीदारी में
  • खाना पकाने में
  • यात्रा करने में
  • समय को संभालने में

डिस्कैल्कुलिया वाले बच्चों को इन चीज़ों में अतिरिक्त मदद की ज़रूरत हो सकती है:

  • घड़ी पढ़ना
    • कैलेंडर समझना
    • किसी काम में कितना समय लगेगा – इसका अंदाज़ा लगाना
    • पैसे संभालना और पैसे का हिसाब समझना

 धीरे-धीरे और असली ज़िंदगी के अनुभवों से अभ्यास कराएं।
उन्हें रेसिपी बनाते समय माप बताने दें, किसी छोटी खरीदारी का बजट बनाने दें, या दिन की योजना में मदद लेने की कोशिश करें।

डिस्कैल्कुलिया वाले बच्चों की ताकत (Strengths Often Seen)

डिस्कैल्कुलिया केवल कुछ क्षेत्रों में असर करता है। कई बच्चों में ये खूबियाँ भी होती हैं:

  • वे रचनात्मक (creative) और कल्पनाशील (imaginative) होते हैं
    • कहानी सुनाने और भाषा में अच्छे होते हैं
    • म्यूज़िक, कला या कुछ बनाने में कुशल होते हैं
    • भावनात्मक रूप से समझदार और दूसरों की भावना पहचानने में अच्छे होते हैं

इन खूबियों को पहचानना और बढ़ावा देना बच्चों को आत्मविश्वासी और खास महसूस कराता है।

अगर आपके बच्चे में डिस्कैल्कुलिया के लक्षण दिखें तो घबराएं नहीं:

आप अकेले नहीं हैं – कई परिवार इसी सफर से गुजर रहे हैं। अपने और अपने बच्चे के प्रति नरम और सहायक बनें। यह सफर किसी को “ठीक” करने का नहीं, बल्कि समझने और सहारा देने का है।

अन्य सीखने की कठिनाइयाँ जिन्हें जानना ज़रूरी है:

  • डिस्लेक्सिया (Dyslexia): पढ़ने और भाषा में कठिनाई
    • डिसग्राफिया (Dysgraphia): लिखने और छोटे हाथों के काम (fine motor skills) में कठिनाई
    • डिसप्रैक्सिया (Dyspraxia): शरीर की गतिविधियों और योजना बनाने में परेशानी

मदद चाहिए? (Need Help?)

अगर आपको ऑटिज़्म, डाउन सिंड्रोम, ADHD या किसी भी विकास से जुड़ी चिंता है, तो नई दिशा (Nayi Disha) की टीम आपकी मदद को तैयार है। कॉल या WhatsApp करें: 844-844-8996 हमारी काउंसलर टीम कई भाषाओं में बात करती है –
हिंदी, अंग्रेज़ी, मलयालम, गुजराती, मराठी, तेलुगु और बांग्ला।

डिस्क्लेमर:

यह जानकारी केवल जागरूकता के लिए है। कृपया सही सलाह और निदान के लिए किसी योग्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।

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