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ओपन डोर पॉलिसी

Nayi Disha Editor

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Key Takeaways:

बचपन में बच्चे का दिमाग हर दिन के अनुभवों से तेजी से बढ़ता और बदलता है। ये अनुभव उसके आगे के विकास की नींव रखते हैं। अगर विकास में कोई देरी  दिखाई दे, तो जल्दी पहचाने और समय पर सहायता दें ,यह  बच्चे के विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हर परिवार अलग होता है और माता-पिता अपने बच्चे को सबसे अच्छी तरह जानते हैं, इसलिए जब सहायता की योजना बनाई जाती है, तो बेहतर परिणाम तब मिलते हैं जब परिवार और विशेषज्ञ मिलकर काम करते हैं।

“ओपन डोर” एक अभियान है जो पेशेवरों को प्रोत्साहित करता है कि वे माता-पिता और देखभाल करने वालों को थेरेपी सत्रों के दौरान कमरे में उपस्थित होने का अवसर दें। यह परिवारों के साथ सकारात्मक साझेदारी बनाने की दिशा में पहला कदम हो सकता है।

देखभाल करने वाले अक्सर डॉक्टरों/थेरेपिस्टों को घर में क्या होता है, इसकी झलक दिखाते हैं, और बच्चे की पसंद, नापसंद, व्यवहार आदि के बारे में उनकी राय थेरेपी को अधिक सार्थक बनाने में मदद करती है। कुछ माता-पिता थेरेपी में सीखे हुए तरीकों को अपनाते हैं और अपने बच्चे की जरूरतों  के अनुसार उन्हें सहजता से बदल लेते हैं। बच्चे के साथ-साथ, थेरेपिस्ट/डॉक्टर भी समय के साथ परिवारों के साथ नए संबंध बनाते हैं। “ओपन डोर ” माता-पिता की चिंताओं और भविष्य को लेकर उनके सवालों पर नए संवाद और अवसर पैदा कर सकता है।

सबसे अच्छे नतीजे तब आते हैं जब थेरेपिस्ट और माता-पिता मिलकर काम करते हैं। अधिक जानकारी के लिए, यह वीडियो देखें।

जब माता-पिता और पेशेवर एक-दूसरे की प्राथमिकताओं और दृष्टिकोणों को समझते हैं और मिलकर निर्णय लेते हैं, तो परिवार और बच्चे के लिए बेहतर परिणाम मिलने की संभावना बढ़ जाती है। थेरेपिस्ट के साथ मिलकर काम करना परिवार का अधिकार है और इससे अच्छे नतीजे मिल सकते हैं।

जानें कि कैसे बच्चे की थेरेपी सत्र में भाग लेना माता-पिता के लिए फायदेमंद हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए, यह वीडियो देखें।

यदि आपको ऑटिज़्म, डाउन सिंड्रोम, एडीएचडी या अन्य बौद्धिक विकलांगताओं के बारे में कोई सवाल हैं, या किसी बच्चे में विकास संबंधी देरी को लेकर चिंताएँ हैं, तो नई दिशा की टीम आपकी मदद के लिए यहाँ है। किसी भी प्रश्न या जानकारी के लिए हमारी मुफ्त हेल्पलाइन 844-844-8996 पर संपर्क करें। आप हमें कॉल कर सकते हैं या व्हाट्सएप भी कर सकते हैं। हमारे काउंसलर विभिन्न भाषाएँ बोलते हैं, जिनमें अंग्रेज़ी, हिंदी, मलयालम, गुजराती, मराठी, तेलुगु और बंगाली शामिल हैं।

सूचना : कृपया ध्यान दें कि यह मार्गदर्शिका केवल जानकारी के उद्देश्य से है। सुरक्षित उपचार के लिए कृपया किसी योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें।

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