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सहायक और दूसरे तरीके के बातचीत के साधन कैसे न-बोलने वाले बच्चों को अपनी बात प्रभावी रूप से व्यक्त करने में मदद करते हैं?

Lavanya

K.S.Lavanya

Also available in: తెలుగు English
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Key Takeaways:

  1. बोलने में परेशानी बच्चे के विकास या मांसपेशियों की दिक्कत से हो सकती है।
  2. बिना बोले भी, जैसे मुस्कुराना, सिर हिलाना या भौं चढ़ाना, बच्चे अपनी भावनाएँ बता सकते हैं।
  3. सहायक और दूसरे तरीके के बातचीत के साधन (AAC) बोलने में मुश्किल वाले बच्चों की मदद करते हैं।
  4. AAC में आसान इशारे, तस्वीरों के बोर्ड और मोबाइल ऐप जैसे तरीके होते हैं, जो बच्चे की ज़रूरत पर निर्भर करते हैं।
  5. अलगअलग तरीके अपनाने से बच्चा आत्मविश्वास से और खुद अपनी बात कह पाता है।

कई बच्चे बोलकर ही नहीं, बल्कि और भी तरीकों से अपनी बात बताते हैं। कुछ बच्चों को अपनी भावनाएँ शब्दों में बताना कठिन लगता है, इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे:
ऐसे विकास संबंधी अंतर, जिनसे बोलने की क्षमता पर असर पड़ता है
मांसपेशियों से जुड़ी कठिनाइयाँ, जिनसे शब्द साफ़ बोलना मुश्किल हो जाता है

ये अंतर उनकी भावनाएँ, विचार और ज़रूरतें बताने की क्षमता को कम नहीं करतेवे बस अलग तरीकों से बात करते हैं।

बिना बोले कैसे बात होती है

बिना शब्दों के भी बच्चे अपनी बात कह सकते हैं।कुछ आम तरीके:
इशारेहाथ हिलाना, संकेत करना, उंगली से दिखाना
चेहरे के भावमुस्कुराना, मुंह बनाना, भौंह उठाना
शारीरिक भाषासिर हिलाकरहाँयानाकरना

वैकल्पिक संवाद के तरीके

बच्चों की मदद के लिए कई तरीके होते हैं:
रोज़मर्रा के इशारे और संकेतहाथ के इशारे, उंगली से दिखाना
चित्र बोर्डतस्वीरों की ओर इशारा करके ज़रूरत या विचार बताना
• AAC (
ऑगमेंटेटिव और अल्टरनेटिव कम्युनिकेशन) ऐप्सडिजिटल ऐप जिनसे बच्चे घर, स्कूल या बाहर लंबा वाक्य और विचार बता सकते हैं

बच्चे की संवाद करने की आदत के अनुसार आप एक या एक से ज़्यादा तरीके चुन सकते हैं, ताकि वह आत्मविश्वास से अपनी बात खुद कह सके।

AAC क्यों ज़रूरी है

AAC बोलने काबदला हुआ तरीकानहीं हैयह एक सही और मान्य संवाद का माध्यम भी है। यह:
बच्चों को अपनी बात कहने के और तरीके देता है
बात न बनने से होने वाली निराशा को कम करता है
दोस्ती और शामिल होने के अवसर बढ़ाता है

सारांश

संवाद सिर्फ बोलना नहीं है
हर बच्चे का हक है कि उसे समझा जाए
• AAC
बच्चों को अपने तरीके से अपनी बात कहने में सक्षम बनाता है

नोट: यह जानकारी केवल मार्गदर्शन के लिए है। सही सलाह के लिए किसी योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।

आप इस प्रस्तुति को भी डाउनलोड कर सकते हैं जिसमें कक्षा में AAC के महत्व के बारे में बताया गया है।

अगर आपको ऑटिज़्म, डाउन सिंड्रोम, ADHD या अन्य बौद्धिक विकलांगता, या किसी बच्चे के विकास में देरी को लेकर सवाल हैं, तो नई दिशा टीम मदद के लिए तैयार है। हमारी मुफ़्त हेल्पलाइन 844-844-8996 पर कॉल या व्हाट्सऐप करें। हमारे काउंसलर अंग्रेज़ी, हिंदी, मलयालम, गुजराती, मराठी, तेलुगु और बांग्ला बोलते हैं।

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