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इकोलेलिया क्या है?

ऊपर दिया गया इन्फोग्राफिक आपको इकोलेलिया के बारे में जानकारी देता है I

इकोलेलिया दूसरों द्वारा कहे गए शब्दों और वाक्यांशों को दोहराना (गूंज) है। यह तीन साल की उम्र तक भाषा को समझने और सीखने की प्रक्रिया का एक स्वाभाविक हिस्सा है। तीन साल की उम्र के बाद इकोलेलिया एक अन्य स्थिति का संकेत हो सकता है जैसे विकास में देरी, भाषा को सीखने में देरी, ऑटिज्म, टौरेटे सिंड्रोम, बौद्धिक अक्षमता आदि।

इकोलेलिया ऑटिज्म वाले बच्चों में बहुत आम है और ये कई तरह से काम करता है। यह संवाद के तरीके के रूप में, आत्म-उत्तेजना के रूप में, शांत करने वाले तंत्र या खुशी का एहसास करने के उपायों के रूप में हो सकता है।

इकोलेलिया इंटरैक्टिव (संवादात्मक) और नॉन-इंटरैक्टिव (गैर-संवादात्मक) हो सकता है। इंटरैक्टिव इकोलेलिया में, बच्चे याद किए गए शब्दों और वाक्यांशों को दोहराकर दूसरे व्यक्ति के साथ संवाद करने की कोशिश कर रहे होते है। नॉन-इंटरैक्टिव इकोलेलिया में, बच्चे किसी और से बात करने की कोशिश नहीं कर रहे होतें हैं। वे किसी विचार का अभ्यास करने के लिए या आत्म-उत्तेजना या शांत करने वाले तंत्र के रूप में शब्दों या वाक्यांशों को दोहरा रहे होंगे।

इकोलेलिया तत्काल हो सकता है, जहां ये किसी व्यक्ति को बोलते हुए सुनने के तुरंत बाद होता है।इकोलेलिया देरी से भी होता है, जहां ये किसी व्यक्ति के बोलने के घंटों, दिनों या हफ्तों बाद होता है।

स्पीच थेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी और बिहेवियरल थेरेपी की मदद से बच्चे में कार्यात्मक संचार बनाने के लिए इकोलेलिया का इस्तेमाल किया जा सकता है।

ऑटिज्म वाले बच्चों में इकोलेलिया को दबाया नहीं जाना चाहिए क्योंकि यह ऑटिज्म वाले कई बच्चों के लिए संचार का शुरुआती साधन है और उन्हें अधिक बेहतर संचार कौशल सिखाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

इन्फोग्राफिक आपको इकोलेलिया वाले बच्चे में संचार बनाने के लिए सुझाव देता है। इसमें सीमित शब्दावली का उपयोग करना, ‘ ? प्रश्नों को सीमित करना और इसके बजाय विज़ुअल संकेतों और मॉडलिंग वार्तालाप का इस्तेमाल करके पसंद के प्रश्न पूछना शामिल है।

यदि आपके मन में ऑटिज्म, डाउन सिंड्रोम, ADHD या अन्य बौद्धिक विकलांगताओं से जुड़े कोई सवाल हैं, या किसी बच्चे में विकासात्मक देरी को लेकर कोई फिक्र है, तो नई दिशा टीम आपकी मदद के लिए मौजूद है। इसलिए किसी भी सवाल या जानकारी के लिए कृपया हमारी मुफ्त हेल्पलाइन नंबर- 844-844-8996 पर संपर्क करें। आप हमें कॉल या व्हाट्सएप भी कर सकते हैं। 

सूचना: कृपया ध्यान दें कि यह इन्फोग्राफिक सिर्फ जानकारी देने के मकसद से तैयार की गई है और इसे किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह नहीं माना जाना चाहिए। 

What is Echolalia?

The above infographic gives you information about echolalia.

Echolalia is a repetition (echoing) of words and phrases said by others. It is a natural part of the language development process up to the age of three. Echolalia beyond the age of three may be a sign of another condition such as developmental delay, language delay, autism, Tourette syndrome, intellectual disability, etc.

Echolalia is common among children with autism and serves many functions. It may occur as a way of communication, a form of self-stimulation, a calming mechanism or a means of enjoyment.

Echolalia can be interactive and non-interactive. In interactive echolalia, the child is trying to communicate with another person by repeating memorized words and phrases. In non-interactive echolalia, the child isn’t trying to speak to anyone else. They might be repeating words or phrases to themselves to practice an idea or as a form of self-stimulation or calming mechanism.

Echolalia can be immediate, where it occurs immediately after hearing a person speak, or delayed, where it occurs hours, days or weeks after hearing someone speak.

Echolalia can be used to build functional communication in a child with the help of speech therapy, occupational therapy and behavioral therapy.

Echolalia should not be suppressed in children with autism as it is a primary means of communication for many children with autism and can be used to teach them more advanced communication skills.

The infographic gives you tips to build communication in a child with echolalia. This includes using limited vocabulary, limiting ‘wh’ questions and asking choice questions instead, using visual cues and modelling conversation.

If you have questions about Autism, Down Syndrome, ADHD, or other intellectual disabilities, or have concerns about developmental delays in a child, the Nayi Disha team is here to help. For any questions or queries, please contact our FREE Helpline at 844-844-8996. You can call or WhatsApp us.

DISCLAIMER: Please note that this infographic is for information purposes only and should not in any way deemed as medical advice.

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