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देखभालकर्ता का मानसिक स्वास्थ्य -अपनी देखभाल करना

Caregiving is a full-time job leaving little opportunity for selfcare. This guide provides 8 effective tips for caregivers stress management.

माता पिता का बहुत सारा समय बच्चे की देखभाल में निकल जाता है। यह काम थकान भरा होता है और अक्सर माता पिता अपनी देखभाल करना भूल जाते हैं। यहाँ यह आवश्यक है की वे अपनी सेहत के प्रति लापरवाह नहीं रहे और अपने लिए समय अवश्य निकालें। भावनात्मक और शारीरिक तनाव प्रबंधन में भी यह मददगार होगा जिससे माता पिता अक्सर  बच्चे की परवरिश में  व्यस्तता के कारण भूल जाते हैं।

तनाव प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण पहलू है कि अभिभावक अपने शरीर और मन को ऊर्जावान और जीवन के प्रति उत्साही रहने के लिए विभिन्न तरीके खोजते रहें। 

ऊपर दी गई स्लाइड्स देखभालकर्ता कैसे तनाव का प्रबंधन करें  और खुद की अच्छी तरह देखभाल कैसे करें  इसके  ८ टिप्स दर्शाते हैं। 

इसके अतिरिक्त आप देखबाल करता के लिये मार्गदर्शन चार्ट लेख भी पढ़ सकते हैं। 

यदि आपके बच्चे ऑटिज्म, डाउन सिंड्रोम, ए डी एच डी या अन्य बौद्धिक क्षमताओं के बारे में प्रश्न है या किसी बच्चे के विकास में देरी के बारे में चिंता है तो नई दिशा टीम मदद के लिए यहां है। किसी भी प्रश्न पूछताछ के लिए कृपया हमारी मुक्त हेल्पलाइन 844-844-8996 पर हमें कॉल या व्हाट्सएप कर सकते हैं। हमारे परामर्शदाता अंग्रेजी, हिंदी ,मलयालम ,गुजराती, मराठी ,तेलुगू और बंगाली सहित विभिन्न भाषाएं बोलते हैं। 

विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता पिता बच्चे की देखभाल करते हुए अपना मानसिक और शारीरिक  स्वास्थ्य कैसे बनाएं रखें 

Preventing caregivers burnout in parents of children with special needs

विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता पिता बच्चे की देखभाल करते हुए अपना मानसिक और शारीरिक  स्वास्थ्य कैसे बनाएं रखें। विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता पिता बच्चे की देखभाल करते करते मानसिक और शारीरिक थकावट महसूस करते हैं जो चिंताजनक हैं। ज्यादातर मामलों में बच्चों की देखभाल करने वाला और कोई नहीं होता है, माता पिता पर ही सारी जिम्मेदारी होती है। पुरे समय विशेष आवश्यकता वाले बच्चे की देखभाल करना माता पिता के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से थकावट भरा हो सकता है। 

देखभालकर्ता के मानसिक और शारीरिक थकावट से जुड़े जोखिम –

  • बच्चे की देखभाल सिर्फ वे ही कर सकते हैं 
  • भावनात्मक और व्यक्तिगत मदद की कमी 
  • स्वयं के देखभाल में कमी 
  • प्रतिकूल परिस्थिति का सामना नहीं कर पाना 
  • सामाजिक परिवेश में अकेलापन महसूस करना 
  • वैवाहिक समस्या 
  • आर्थिक कठिनाइयां

देखभालकर्ता के मानसिक और शारीरिक थकावट के लक्षण –

  • निराश और असहाय महसूस करना 
  • व्याकुल और पराजित महसूस करना 
  • अकेलापन और व्यथित 
  • चिड़चिड़ापन और गुस्सा 
  • पहले जो आप को करना अच्छा लगता था उसमें अब रूचि न होना 
  • परिवार के लोगों और दोस्तों से मिलने का मन नहीं होना 
  • अपनी और बच्चे की देखभाल नहीं कर पाना 
  • अपने आप को या बच्चे को नुकसान पहुँचाना 
  • वजन का कम  होना या बढ़ना 
  • बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना 
  • सिरदर्द और बदन दर्द होना 
  • बार बार बीमार पड़ना 

देखभालकर्ता के मानसिक और शारीरिक थकावट के रोकथाम के लिए जाँच सूची 

  1. मदद मांगें – अपने पति और परिवार के अन्य सदस्यों को बच्चे की देखभाल करने की अलग अलग जिम्मेदारी सौंपे या अन्य उपलब्ध विकल्प जैसे-डे केयर सेंटर, रेस्पाइट केयर सेंटर या नर्स और आया रखने के बारे में विचार करें। यदि आप के बच्चे की देखभाल करना दूसरों के लिए मुश्किल है तो घर के अन्य कार्य जैसे खाना बनाना ,घर की साफ़ सफाई ,राशन खरीदना आदि की जिम्मेदारी परिवार के सदस्यों को दें। 
  2. खुद का ध्यान रखें- आप बच्चे का ध्यान तभी रख सकते हैं जब स्वयं की देखभाल अच्छी तरह करें। इसके लिए महत्वपूर्ण है कि आप अपने आप से भी प्यार करें ,बीच बीच में ब्रेक लेकर अपने पसंद का काम करें,लोगों और दोस्तों के  साथ समय बिताएं, पौष्टिक खाना खाएं ,योग और व्यायाम करें और पर्याप्त मात्रा में आराम करें।
  3. वास्तविक अपेक्षाएं रखें -आप एक इंसान हैं। अपनी सीमाओं को पहचाने और उसका आदर करें और उसके अनुरूप ही काम करें। अपने आप से वास्तविक उम्मीद रखें और यदि आप उन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरते तो मन से ना लगाएं। 
  4. वास्तविक लक्ष्य रखें- विशेष आवश्यकता वाले बच्चे की परवरिश एक छोटी दौड़ नहीं है अपितु एक मैरथॉन (लंबीदौड़ )है अर्थात बहुत लम्बे समय तक आप को बच्चे की देखभाल करना है। अतः यह महत्वपूर्ण है कि अपने और अपने बच्चे के लिए वास्तविक लक्ष्य रखें। लंबी दौड़ अर्थात लम्बे समय तक आप अपने बच्चे की अच्छी तरह से देखभाल कर सके इसके लिए आप अपने आप को तैयार करें। 
  5. जीत का जश्न मनाएं- कभी कभी विशेष आवश्यकता  वाले बच्चे की परवरिश करते हुए आप को ऐसा लगेगा कि यह कभी ना खत्म होने वाली ऐसी लड़ाई है जिसमे जीत के लम्हे कम और हार ज्यादा है। इसलिए अपने बच्चे की हर छोटी बड़ी जीत का जश्न मनाएं। ऐसे बच्चे की परवरिश में हर उपलब्धि एक बड़ी उपलब्धि है। इसलिए जब भी आप का बच्चा कोई सफलता प्राप्त करता है अपनी और अपने बच्चे की पीठ थपथपाना नहीं भूले। 
  6. सपोर्ट ग्रुप से जुड़ें- विशेष आवश्यकता वाले बच्चे की परवरिश कई बार एक एकाकी यात्रा हो सकती है क्योंकि आप के आसपास के लोग यह नहीं समझ पाएंगे कि ऐसे बच्चे के माता पिता होना क्या होता है। दो ऐसे परिवार जो एक ही रास्ते पर चल रहे हों एक दूसरे की कठिनाइयों को समझ सकते हैं। ऐसे सहयोगी समुदाय से जुड़िए जिसमें आपके जैसे और माता पिता हों।

यदि आपके बच्चे ऑटिज्म, डाउन सिंड्रोम, ए डी एच डी या अन्य बौद्धिक क्षमताओं के बारे में प्रश्न है या किसी बच्चे के विकास में देरी के बारे में चिंता है तो नई दिशा टीम मदद के लिए यहां है। किसी भी प्रश्न पूछताछ के लिए कृपया हमारी मुक्त हेल्पलाइन 844-844-8996 पर हमें कॉल या व्हाट्सएप कर सकते हैं। हमारे परामर्शदाता अंग्रेजी, हिंदी ,मलयालम ,गुजराती, मराठी ,तेलुगू और बंगाली सहित विभिन्न भाषाएं बोलते हैं। 

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