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नवजात शिशुओं में विकास संबंधी विकारों के लिए परिहार्य जोखिम कारक

Dr.Pranathi Gutta

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Key Takeaways:

इस दौरान निम्नलिखित से बचने का ध्यान रखें-

  1.  नवजात शिशुओं के लिए- जन्म के समय कम वजन, दौरे, देर से जन्म, रोना, समय से पहले जन्म, पीलिया, आदि।
  2. नवजात (30 दिन का)- ब्लड शुगर कम होना, मस्तिष्क में संक्रमण, रक्तस्राव का जोखिम, आदि।

शिशु की सर्वोत्तम देखभाल करने के लिए-

  1. पर्याप्त पोषण मिल सके इसका ध्यान रखें 
  2. चयापचय( मेटाबोलिक) प्रक्रिया की निगरानी करें
  3. निर्धारित समय पर टीकाकरण करते रहें

जबकि विकास संबंधी विकारों का कारण काफी हद तक अज्ञात रहता है, इन विकारों से जुड़े कई जन्मपूर्व (गर्भावस्था से पहले और दौरान) जोखिमों को व्यापक रूप से समझा जा रहा है। यह समझना भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि काफी जोखिम ऐसे हैं, जिनमें से कुछ से बचा जा सकता है, जो बच्चे के जन्म के बाद होते हैं। नीचे दिए गए इन्फोग्राफिक में नवजात शिशुओं में विकास संबंधी विकारों के लिए देखे गए कुछ प्रसवोत्तर जोखिमों पर प्रकाश डाला गया है। इन्फोग्राफिक कुछ एहतियाती उपायों को भी निर्दिष्ट करता है जिन्हें यहां से जुड़े जोखिमों को कम करने या नियंत्रित करने के लिए लिया जा सकता है।

अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि इस इन्फोग्राफिक/लेख/वीडियो श्रृंखला/ऑडियो श्रृंखला/पुस्तिका की सामग्री को किसी भी तरह से चिकित्सा सलाह नहीं माना जाय,और इसे  केवल सूचना उद्देश्यों के रूप लिया जाय।

इसके अतिरिक्त, हमारे इन्फोग्राफिक को भी देखें जो गर्भावस्था के दौरान जुड़े विकास संबंधी जोखिमों पर प्रकाश डालता है।

आभार : हम डॉ. सना स्मृति, जो कि एक न्यूरोडेवलपमेंटल और बिहेवियर पीडियाट्रिशियन हैं , इस  पोस्टर की सामग्री के लिए किए गए प्रूफ-रीडिंग और संशोधन में हमारी मदद करने के लिए उनके समय और प्रयास के लिए हम उन्हें धन्यवाद देते हैं।

हम अपने स्वयंसेवकों सुश्री शैलजा तादिमेटी और श्री कृष्णजी देवलकर को इस सामग्री के अंग्रेजी से तेलुगु में अनुवाद के लिए उनके समय और प्रयास के लिए धन्यवाद देते हैं।

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