WP_Query Object
(
[query] => Array
(
[post_type] => post
[post_status] => publish
[taxonomy] => category
[posts_per_page] => 2
[post__in] => Array
(
[0] => 91842
[1] => 91851
[2] => 91883
[3] => 91917
[4] => 74675
[5] => 74865
[6] => 74388
[7] => 56016
[8] => 56019
[9] => 56022
[10] => 56024
[11] => 56026
[12] => 56028
[13] => 56030
[14] => 56033
[15] => 56036
[16] => 56039
[17] => 56042
[18] => 56047
[19] => 56052
[20] => 56057
[21] => 56062
[22] => 56065
[23] => 56068
[24] => 56069
[25] => 56072
[26] => 56077
[27] => 56082
[28] => 56087
[29] => 56092
[30] => 56094
[31] => 56097
[32] => 56099
[33] => 56101
[34] => 56103
[35] => 56107
[36] => 56111
[37] => 56113
[38] => 56116
[39] => 56120
[40] => 56123
[41] => 56125
[42] => 56130
[43] => 56132
[44] => 56135
[45] => 56138
[46] => 56140
[47] => 56143
[48] => 56145
[49] => 56148
[50] => 56150
[51] => 56158
[52] => 56160
[53] => 56162
[54] => 56164
[55] => 56166
[56] => 56168
[57] => 56173
[58] => 56178
[59] => 56183
[60] => 56188
[61] => 56191
[62] => 56196
[63] => 56199
[64] => 56205
[65] => 56207
[66] => 56208
[67] => 56211
[68] => 56213
[69] => 56215
[70] => 56235
[71] => 56237
[72] => 56239
[73] => 56241
[74] => 56256
[75] => 56261
[76] => 56274
[77] => 56275
[78] => 56277
[79] => 56278
[80] => 56280
[81] => 56282
[82] => 56284
[83] => 56286
[84] => 56289
[85] => 56292
[86] => 56295
[87] => 56298
[88] => 56300
[89] => 56302
[90] => 56305
[91] => 56307
[92] => 56309
[93] => 56311
[94] => 56313
[95] => 56315
[96] => 56317
[97] => 56319
[98] => 56326
[99] => 56332
[100] => 56337
[101] => 56342
[102] => 56348
[103] => 56353
[104] => 56355
[105] => 56360
[106] => 56370
[107] => 56373
[108] => 56376
[109] => 56379
[110] => 56382
[111] => 56385
[112] => 56387
[113] => 56389
[114] => 56391
[115] => 56393
[116] => 56395
[117] => 56397
[118] => 56399
[119] => 56401
[120] => 56403
[121] => 56405
[122] => 56407
[123] => 56409
[124] => 56411
[125] => 56413
[126] => 56415
[127] => 56417
[128] => 56419
[129] => 56421
[130] => 56423
[131] => 56425
[132] => 56427
[133] => 56429
[134] => 56431
[135] => 56433
[136] => 56435
[137] => 56437
[138] => 56439
[139] => 56441
[140] => 56443
[141] => 56445
[142] => 56447
[143] => 56449
[144] => 56453
[145] => 56457
[146] => 56462
[147] => 56156
[148] => 56364
[149] => 56451
[150] => 56464
[151] => 56470
[152] => 56472
[153] => 56474
[154] => 56478
[155] => 56483
[156] => 56486
[157] => 56489
[158] => 56492
[159] => 56501
[160] => 56503
[161] => 56508
[162] => 56511
[163] => 56516
[164] => 56518
[165] => 56521
[166] => 56547
[167] => 56549
[168] => 56551
[169] => 56553
[170] => 56555
[171] => 56557
[172] => 56559
[173] => 56561
[174] => 56563
[175] => 56565
[176] => 56567
[177] => 56569
[178] => 56572
[179] => 56574
[180] => 56577
[181] => 56579
[182] => 56581
[183] => 56583
[184] => 56585
[185] => 56587
[186] => 56589
[187] => 56591
[188] => 56593
[189] => 56595
[190] => 56597
[191] => 56599
[192] => 56601
[193] => 56603
[194] => 56605
[195] => 56607
[196] => 56609
[197] => 56611
[198] => 56613
[199] => 56615
[200] => 56617
[201] => 56619
[202] => 56621
[203] => 56623
[204] => 56625
[205] => 56627
[206] => 56629
[207] => 56631
[208] => 56633
[209] => 56637
[210] => 56639
[211] => 56641
[212] => 56643
[213] => 56645
[214] => 56647
[215] => 56649
[216] => 56651
[217] => 56653
[218] => 56655
[219] => 56657
[220] => 56659
[221] => 56661
[222] => 56663
[223] => 56665
[224] => 56669
[225] => 56672
[226] => 56674
[227] => 56676
[228] => 56680
[229] => 56684
[230] => 56688
[231] => 56692
[232] => 56695
[233] => 56699
[234] => 56702
[235] => 56704
[236] => 56706
[237] => 56708
[238] => 56710
[239] => 56712
[240] => 56714
[241] => 56716
[242] => 56718
[243] => 56723
[244] => 56728
[245] => 56733
[246] => 56736
[247] => 56741
[248] => 56753
[249] => 56755
[250] => 56760
[251] => 56764
[252] => 56767
[253] => 56772
[254] => 56774
[255] => 56776
[256] => 56778
[257] => 56780
[258] => 56782
[259] => 56784
[260] => 56786
[261] => 56790
[262] => 56791
[263] => 56792
[264] => 56793
[265] => 56794
[266] => 56795
[267] => 56797
[268] => 56799
[269] => 56801
[270] => 56803
[271] => 56806
[272] => 56809
[273] => 56812
[274] => 56816
[275] => 56819
[276] => 56822
[277] => 56827
[278] => 56831
[279] => 56836
[280] => 56839
[281] => 56844
[282] => 56846
[283] => 56848
[284] => 56850
[285] => 56852
[286] => 56856
[287] => 56858
[288] => 56860
[289] => 56862
[290] => 56877
[291] => 56879
[292] => 56881
[293] => 56883
[294] => 56885
[295] => 56887
[296] => 56901
[297] => 56905
[298] => 56909
[299] => 56911
[300] => 56913
[301] => 56915
[302] => 56917
[303] => 56921
[304] => 56923
[305] => 56925
[306] => 56927
[307] => 56935
[308] => 56938
[309] => 56940
[310] => 56942
[311] => 56944
[312] => 56946
[313] => 56948
[314] => 56950
[315] => 56952
[316] => 56954
[317] => 56957
[318] => 56960
[319] => 56968
[320] => 56983
[321] => 56985
[322] => 56991
[323] => 56994
[324] => 56999
[325] => 57009
[326] => 57021
[327] => 57027
[328] => 57029
[329] => 57033
[330] => 57037
[331] => 57041
[332] => 57044
[333] => 57047
[334] => 65484
[335] => 65886
[336] => 65947
[337] => 65951
[338] => 65953
[339] => 65959
[340] => 65962
[341] => 66026
[342] => 66032
[343] => 66034
[344] => 66036
[345] => 66042
[346] => 67145
[347] => 67358
[348] => 67611
[349] => 67668
[350] => 68144
[351] => 67848
[352] => 68467
[353] => 68787
[354] => 69142
[355] => 69381
[356] => 69463
[357] => 69564
[358] => 69740
[359] => 69799
[360] => 69976
[361] => 70116
[362] => 70332
[363] => 70507
[364] => 70535
[365] => 70561
[366] => 70719
[367] => 70799
[368] => 70879
[369] => 70945
[370] => 71004
[371] => 71567
[372] => 71645
[373] => 71720
[374] => 71950
[375] => 72392
[376] => 72415
[377] => 72402
[378] => 72468
[379] => 72475
[380] => 72622
[381] => 72635
[382] => 72689
[383] => 72776
[384] => 73194
[385] => 73288
[386] => 73361
[387] => 73489
[388] => 73564
[389] => 73583
[390] => 73586
[391] => 73597
[392] => 73608
[393] => 73621
[394] => 73627
[395] => 73631
[396] => 73636
[397] => 73705
[398] => 74460
[399] => 75022
[400] => 75051
[401] => 75056
[402] => 75061
[403] => 75065
[404] => 75071
[405] => 74776
[406] => 75322
[407] => 75327
[408] => 75332
[409] => 75344
[410] => 75349
[411] => 75382
[412] => 75490
[413] => 75609
[414] => 75669
[415] => 75694
[416] => 76353
[417] => 76421
[418] => 76463
[419] => 76535
[420] => 76594
[421] => 76648
[422] => 76654
[423] => 76705
[424] => 76837
[425] => 77093
[426] => 77003
[427] => 77178
[428] => 77193
[429] => 77408
[430] => 77718
[431] => 78180
[432] => 78616
[433] => 79384
[434] => 80741
[435] => 80929
[436] => 82707
[437] => 83068
[438] => 83382
[439] => 83942
[440] => 85225
[441] => 85230
[442] => 85233
[443] => 85237
[444] => 85239
[445] => 85243
[446] => 85241
[447] => 85261
[448] => 85363
[449] => 88521
[450] => 88562
[451] => 88614
[452] => 88619
[453] => 88617
[454] => 88627
[455] => 88564
[456] => 88061
[457] => 88772
[458] => 88777
[459] => 88955
)
[meta_query] => Array
(
[relation] => AND
[0] => Array
(
[key] => article_hindi_title
[value] =>
[compare] => !=
)
)
[tax_query] => Array
(
[0] => Array
(
[taxonomy] => post_tag
[field] => name
[terms] => Array
(
[0] => Special Education
[1] => Speech Language and Communication
)
)
)
)
[query_vars] => Array
(
[post_type] => post
[post_status] => publish
[taxonomy] => category
[posts_per_page] => 2
[post__in] => Array
(
[0] => 91842
[1] => 91851
[2] => 91883
[3] => 91917
[4] => 74675
[5] => 74865
[6] => 74388
[7] => 56016
[8] => 56019
[9] => 56022
[10] => 56024
[11] => 56026
[12] => 56028
[13] => 56030
[14] => 56033
[15] => 56036
[16] => 56039
[17] => 56042
[18] => 56047
[19] => 56052
[20] => 56057
[21] => 56062
[22] => 56065
[23] => 56068
[24] => 56069
[25] => 56072
[26] => 56077
[27] => 56082
[28] => 56087
[29] => 56092
[30] => 56094
[31] => 56097
[32] => 56099
[33] => 56101
[34] => 56103
[35] => 56107
[36] => 56111
[37] => 56113
[38] => 56116
[39] => 56120
[40] => 56123
[41] => 56125
[42] => 56130
[43] => 56132
[44] => 56135
[45] => 56138
[46] => 56140
[47] => 56143
[48] => 56145
[49] => 56148
[50] => 56150
[51] => 56158
[52] => 56160
[53] => 56162
[54] => 56164
[55] => 56166
[56] => 56168
[57] => 56173
[58] => 56178
[59] => 56183
[60] => 56188
[61] => 56191
[62] => 56196
[63] => 56199
[64] => 56205
[65] => 56207
[66] => 56208
[67] => 56211
[68] => 56213
[69] => 56215
[70] => 56235
[71] => 56237
[72] => 56239
[73] => 56241
[74] => 56256
[75] => 56261
[76] => 56274
[77] => 56275
[78] => 56277
[79] => 56278
[80] => 56280
[81] => 56282
[82] => 56284
[83] => 56286
[84] => 56289
[85] => 56292
[86] => 56295
[87] => 56298
[88] => 56300
[89] => 56302
[90] => 56305
[91] => 56307
[92] => 56309
[93] => 56311
[94] => 56313
[95] => 56315
[96] => 56317
[97] => 56319
[98] => 56326
[99] => 56332
[100] => 56337
[101] => 56342
[102] => 56348
[103] => 56353
[104] => 56355
[105] => 56360
[106] => 56370
[107] => 56373
[108] => 56376
[109] => 56379
[110] => 56382
[111] => 56385
[112] => 56387
[113] => 56389
[114] => 56391
[115] => 56393
[116] => 56395
[117] => 56397
[118] => 56399
[119] => 56401
[120] => 56403
[121] => 56405
[122] => 56407
[123] => 56409
[124] => 56411
[125] => 56413
[126] => 56415
[127] => 56417
[128] => 56419
[129] => 56421
[130] => 56423
[131] => 56425
[132] => 56427
[133] => 56429
[134] => 56431
[135] => 56433
[136] => 56435
[137] => 56437
[138] => 56439
[139] => 56441
[140] => 56443
[141] => 56445
[142] => 56447
[143] => 56449
[144] => 56453
[145] => 56457
[146] => 56462
[147] => 56156
[148] => 56364
[149] => 56451
[150] => 56464
[151] => 56470
[152] => 56472
[153] => 56474
[154] => 56478
[155] => 56483
[156] => 56486
[157] => 56489
[158] => 56492
[159] => 56501
[160] => 56503
[161] => 56508
[162] => 56511
[163] => 56516
[164] => 56518
[165] => 56521
[166] => 56547
[167] => 56549
[168] => 56551
[169] => 56553
[170] => 56555
[171] => 56557
[172] => 56559
[173] => 56561
[174] => 56563
[175] => 56565
[176] => 56567
[177] => 56569
[178] => 56572
[179] => 56574
[180] => 56577
[181] => 56579
[182] => 56581
[183] => 56583
[184] => 56585
[185] => 56587
[186] => 56589
[187] => 56591
[188] => 56593
[189] => 56595
[190] => 56597
[191] => 56599
[192] => 56601
[193] => 56603
[194] => 56605
[195] => 56607
[196] => 56609
[197] => 56611
[198] => 56613
[199] => 56615
[200] => 56617
[201] => 56619
[202] => 56621
[203] => 56623
[204] => 56625
[205] => 56627
[206] => 56629
[207] => 56631
[208] => 56633
[209] => 56637
[210] => 56639
[211] => 56641
[212] => 56643
[213] => 56645
[214] => 56647
[215] => 56649
[216] => 56651
[217] => 56653
[218] => 56655
[219] => 56657
[220] => 56659
[221] => 56661
[222] => 56663
[223] => 56665
[224] => 56669
[225] => 56672
[226] => 56674
[227] => 56676
[228] => 56680
[229] => 56684
[230] => 56688
[231] => 56692
[232] => 56695
[233] => 56699
[234] => 56702
[235] => 56704
[236] => 56706
[237] => 56708
[238] => 56710
[239] => 56712
[240] => 56714
[241] => 56716
[242] => 56718
[243] => 56723
[244] => 56728
[245] => 56733
[246] => 56736
[247] => 56741
[248] => 56753
[249] => 56755
[250] => 56760
[251] => 56764
[252] => 56767
[253] => 56772
[254] => 56774
[255] => 56776
[256] => 56778
[257] => 56780
[258] => 56782
[259] => 56784
[260] => 56786
[261] => 56790
[262] => 56791
[263] => 56792
[264] => 56793
[265] => 56794
[266] => 56795
[267] => 56797
[268] => 56799
[269] => 56801
[270] => 56803
[271] => 56806
[272] => 56809
[273] => 56812
[274] => 56816
[275] => 56819
[276] => 56822
[277] => 56827
[278] => 56831
[279] => 56836
[280] => 56839
[281] => 56844
[282] => 56846
[283] => 56848
[284] => 56850
[285] => 56852
[286] => 56856
[287] => 56858
[288] => 56860
[289] => 56862
[290] => 56877
[291] => 56879
[292] => 56881
[293] => 56883
[294] => 56885
[295] => 56887
[296] => 56901
[297] => 56905
[298] => 56909
[299] => 56911
[300] => 56913
[301] => 56915
[302] => 56917
[303] => 56921
[304] => 56923
[305] => 56925
[306] => 56927
[307] => 56935
[308] => 56938
[309] => 56940
[310] => 56942
[311] => 56944
[312] => 56946
[313] => 56948
[314] => 56950
[315] => 56952
[316] => 56954
[317] => 56957
[318] => 56960
[319] => 56968
[320] => 56983
[321] => 56985
[322] => 56991
[323] => 56994
[324] => 56999
[325] => 57009
[326] => 57021
[327] => 57027
[328] => 57029
[329] => 57033
[330] => 57037
[331] => 57041
[332] => 57044
[333] => 57047
[334] => 65484
[335] => 65886
[336] => 65947
[337] => 65951
[338] => 65953
[339] => 65959
[340] => 65962
[341] => 66026
[342] => 66032
[343] => 66034
[344] => 66036
[345] => 66042
[346] => 67145
[347] => 67358
[348] => 67611
[349] => 67668
[350] => 68144
[351] => 67848
[352] => 68467
[353] => 68787
[354] => 69142
[355] => 69381
[356] => 69463
[357] => 69564
[358] => 69740
[359] => 69799
[360] => 69976
[361] => 70116
[362] => 70332
[363] => 70507
[364] => 70535
[365] => 70561
[366] => 70719
[367] => 70799
[368] => 70879
[369] => 70945
[370] => 71004
[371] => 71567
[372] => 71645
[373] => 71720
[374] => 71950
[375] => 72392
[376] => 72415
[377] => 72402
[378] => 72468
[379] => 72475
[380] => 72622
[381] => 72635
[382] => 72689
[383] => 72776
[384] => 73194
[385] => 73288
[386] => 73361
[387] => 73489
[388] => 73564
[389] => 73583
[390] => 73586
[391] => 73597
[392] => 73608
[393] => 73621
[394] => 73627
[395] => 73631
[396] => 73636
[397] => 73705
[398] => 74460
[399] => 75022
[400] => 75051
[401] => 75056
[402] => 75061
[403] => 75065
[404] => 75071
[405] => 74776
[406] => 75322
[407] => 75327
[408] => 75332
[409] => 75344
[410] => 75349
[411] => 75382
[412] => 75490
[413] => 75609
[414] => 75669
[415] => 75694
[416] => 76353
[417] => 76421
[418] => 76463
[419] => 76535
[420] => 76594
[421] => 76648
[422] => 76654
[423] => 76705
[424] => 76837
[425] => 77093
[426] => 77003
[427] => 77178
[428] => 77193
[429] => 77408
[430] => 77718
[431] => 78180
[432] => 78616
[433] => 79384
[434] => 80741
[435] => 80929
[436] => 82707
[437] => 83068
[438] => 83382
[439] => 83942
[440] => 85225
[441] => 85230
[442] => 85233
[443] => 85237
[444] => 85239
[445] => 85243
[446] => 85241
[447] => 85261
[448] => 85363
[449] => 88521
[450] => 88562
[451] => 88614
[452] => 88619
[453] => 88617
[454] => 88627
[455] => 88564
[456] => 88061
[457] => 88772
[458] => 88777
[459] => 88955
)
[meta_query] => Array
(
[relation] => AND
[0] => Array
(
[key] => article_hindi_title
[value] =>
[compare] => !=
)
)
[tax_query] => Array
(
[0] => Array
(
[taxonomy] => post_tag
[field] => name
[terms] => Array
(
[0] => Special Education
[1] => Speech Language and Communication
)
)
)
[error] =>
[m] =>
[p] => 0
[post_parent] =>
[subpost] =>
[subpost_id] =>
[attachment] =>
[attachment_id] => 0
[name] =>
[pagename] =>
[page_id] => 0
[second] =>
[minute] =>
[hour] =>
[day] => 0
[monthnum] => 0
[year] => 0
[w] => 0
[category_name] =>
[tag] =>
[cat] =>
[tag_id] => 2399
[author] =>
[author_name] =>
[feed] =>
[tb] =>
[paged] => 0
[meta_key] =>
[meta_value] =>
[preview] =>
[s] =>
[sentence] =>
[title] =>
[fields] =>
[menu_order] =>
[embed] =>
[category__in] => Array
(
)
[category__not_in] => Array
(
)
[category__and] => Array
(
)
[post__not_in] => Array
(
)
[post_name__in] => Array
(
)
[tag__in] => Array
(
)
[tag__not_in] => Array
(
)
[tag__and] => Array
(
)
[tag_slug__in] => Array
(
)
[tag_slug__and] => Array
(
)
[post_parent__in] => Array
(
)
[post_parent__not_in] => Array
(
)
[author__in] => Array
(
)
[author__not_in] => Array
(
)
[search_columns] => Array
(
)
[ignore_sticky_posts] =>
[suppress_filters] =>
[cache_results] => 1
[update_post_term_cache] => 1
[update_menu_item_cache] =>
[lazy_load_term_meta] => 1
[update_post_meta_cache] => 1
[nopaging] =>
[comments_per_page] => 50
[no_found_rows] =>
[order] => DESC
)
[tax_query] => WP_Tax_Query Object
(
[queries] => Array
(
[0] => Array
(
[taxonomy] => post_tag
[terms] => Array
(
[0] => Special Education
[1] => Speech Language and Communication
)
[field] => name
[operator] => IN
[include_children] => 1
)
)
[relation] => AND
[table_aliases:protected] => Array
(
[0] => di_term_relationships
)
[queried_terms] => Array
(
[post_tag] => Array
(
[terms] => Array
(
[0] => Special Education
[1] => Speech Language and Communication
)
[field] => name
)
)
[primary_table] => di_posts
[primary_id_column] => ID
)
[meta_query] => WP_Meta_Query Object
(
[queries] => Array
(
[0] => Array
(
[key] => article_hindi_title
[value] =>
[compare] => !=
)
[relation] => OR
)
[relation] => AND
[meta_table] => di_postmeta
[meta_id_column] => post_id
[primary_table] => di_posts
[primary_id_column] => ID
[table_aliases:protected] => Array
(
[0] => di_postmeta
)
[clauses:protected] => Array
(
[di_postmeta] => Array
(
[key] => article_hindi_title
[value] =>
[compare] => !=
[compare_key] => =
[alias] => di_postmeta
[cast] => CHAR
)
)
[has_or_relation:protected] =>
)
[date_query] =>
[request] =>
SELECT SQL_CALC_FOUND_ROWS di_posts.ID
FROM di_posts LEFT JOIN di_term_relationships ON (di_posts.ID = di_term_relationships.object_id) INNER JOIN di_postmeta ON ( di_posts.ID = di_postmeta.post_id )
WHERE 1=1 AND di_posts.ID IN (91842,91851,91883,91917,74675,74865,74388,56016,56019,56022,56024,56026,56028,56030,56033,56036,56039,56042,56047,56052,56057,56062,56065,56068,56069,56072,56077,56082,56087,56092,56094,56097,56099,56101,56103,56107,56111,56113,56116,56120,56123,56125,56130,56132,56135,56138,56140,56143,56145,56148,56150,56158,56160,56162,56164,56166,56168,56173,56178,56183,56188,56191,56196,56199,56205,56207,56208,56211,56213,56215,56235,56237,56239,56241,56256,56261,56274,56275,56277,56278,56280,56282,56284,56286,56289,56292,56295,56298,56300,56302,56305,56307,56309,56311,56313,56315,56317,56319,56326,56332,56337,56342,56348,56353,56355,56360,56370,56373,56376,56379,56382,56385,56387,56389,56391,56393,56395,56397,56399,56401,56403,56405,56407,56409,56411,56413,56415,56417,56419,56421,56423,56425,56427,56429,56431,56433,56435,56437,56439,56441,56443,56445,56447,56449,56453,56457,56462,56156,56364,56451,56464,56470,56472,56474,56478,56483,56486,56489,56492,56501,56503,56508,56511,56516,56518,56521,56547,56549,56551,56553,56555,56557,56559,56561,56563,56565,56567,56569,56572,56574,56577,56579,56581,56583,56585,56587,56589,56591,56593,56595,56597,56599,56601,56603,56605,56607,56609,56611,56613,56615,56617,56619,56621,56623,56625,56627,56629,56631,56633,56637,56639,56641,56643,56645,56647,56649,56651,56653,56655,56657,56659,56661,56663,56665,56669,56672,56674,56676,56680,56684,56688,56692,56695,56699,56702,56704,56706,56708,56710,56712,56714,56716,56718,56723,56728,56733,56736,56741,56753,56755,56760,56764,56767,56772,56774,56776,56778,56780,56782,56784,56786,56790,56791,56792,56793,56794,56795,56797,56799,56801,56803,56806,56809,56812,56816,56819,56822,56827,56831,56836,56839,56844,56846,56848,56850,56852,56856,56858,56860,56862,56877,56879,56881,56883,56885,56887,56901,56905,56909,56911,56913,56915,56917,56921,56923,56925,56927,56935,56938,56940,56942,56944,56946,56948,56950,56952,56954,56957,56960,56968,56983,56985,56991,56994,56999,57009,57021,57027,57029,57033,57037,57041,57044,57047,65484,65886,65947,65951,65953,65959,65962,66026,66032,66034,66036,66042,67145,67358,67611,67668,68144,67848,68467,68787,69142,69381,69463,69564,69740,69799,69976,70116,70332,70507,70535,70561,70719,70799,70879,70945,71004,71567,71645,71720,71950,72392,72415,72402,72468,72475,72622,72635,72689,72776,73194,73288,73361,73489,73564,73583,73586,73597,73608,73621,73627,73631,73636,73705,74460,75022,75051,75056,75061,75065,75071,74776,75322,75327,75332,75344,75349,75382,75490,75609,75669,75694,76353,76421,76463,76535,76594,76648,76654,76705,76837,77093,77003,77178,77193,77408,77718,78180,78616,79384,80741,80929,82707,83068,83382,83942,85225,85230,85233,85237,85239,85243,85241,85261,85363,88521,88562,88614,88619,88617,88627,88564,88061,88772,88777,88955) AND (
di_term_relationships.term_taxonomy_id IN (2399,1074)
) AND (
( di_postmeta.meta_key = 'article_hindi_title' AND di_postmeta.meta_value != '' )
) AND di_posts.post_type = 'post' AND ((di_posts.post_status = 'publish'))
GROUP BY di_posts.ID
ORDER BY di_posts.post_date DESC
LIMIT 0, 2
[posts] => Array
(
[0] => WP_Post Object
(
[ID] => 88564
[post_author] => 22669
[post_date] => 2023-12-11 16:57:14
[post_date_gmt] => 2023-12-11 11:27:14
[post_content] => एक बच्चे के रूप में, हम सभी रोते हुए संवाद करना शुरू करते हैं, जिससे माता-पिता को पता चलता है कि 'मुझे भूख लगी है' या 'मैं असहज महसूस कर रहा हूं।' वर्षों से, हर बच्चा अपनी ज़रूरतों को व्यक्त करने के अलग-अलग तरीके अपनाता है, जैसे रोना, हँसना, यह बताना कि उन्हें क्या चाहिए। विभिन्न चीज़ों का वर्णन करने के लिए वे अपने परिवेश से 'इशारों' और शब्दों को भी सीखते हैं।
लेकिन अक्सर, हम 'मौखिक' कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि गैर-मौखिक संचार धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। कभी-कभी, ऑटिज्म या अन्य विकासात्मक विकलांगताओं वाले व्यक्तियों को मौखिक संचार में अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो सकती है। चित्र अनुसूचियाँ संचार को सुविधाजनक बनाने के लिए मूल्यवान उपकरण के रूप में काम कर सकती हैं, खासकर जब मौखिक अभिव्यक्ति चुनौतीपूर्ण बनी हुई हो। चित्र संचार का उपयोग सीखने की प्रक्रिया में आनंद का तत्व भी लाता है, और संचार से जुड़ी चिंता को कम करने में मदद करता है।
चित्र संचार का उपयोग करने के तरीके:
- चित्र शेड्यूल: इसमें किसी गतिविधि में शामिल चरणों का अनुक्रम या दिन के लिए निर्धारित सभी कार्यों की श्रृंखला बनाने के लिए चित्रों का उपयोग करना शामिल है। यहाँ कुछ नमूने हैं:
दैनिक कार्यक्रम (सुबह की दिनचर्या, रात की दिनचर्या, शौचालय, ब्रश करना और स्नान)
- संचार कार्ड (अनुरोध, निर्देश और भावना कार्ड)
- आपातकालीन कार्ड(आपातकालीन आवश्यकताएँ)
- शब्दावली कार्ड: लोग, रोजमर्रा की जरूरतें, खाद्य पदार्थ, खेल, शरीर के अंग, मूल रंग, मूल आकार, स्टेशनरी आइटम, घरेलू सामान, जानवर, वाहन और घूमने की जगहें।
- कार्यात्मक गतिविधि कार्ड: खेल और गतिविधि विकल्प।
2.'
अब, अगला और फिर' बोर्ड: माता-पिता दृश्य चित्रों का उपयोग करके, या बस बोर्ड पर चीजें बनाकर और प्रत्येक गतिविधि के लिए आवश्यक समय का संकेत देकर गतिविधियों को सूचीबद्ध कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, रामू कारों के साथ खेल रहा है, लेकिन जल्द ही रात के खाने का समय हो गया। 'अभी' अनुभाग पर, कार के लिए एक दृश्य बनाएं या उसका उपयोग करें और 'अगला' पर एक डिनर प्लेट और चाकू और कांटा बनाएं। शीर्ष युक्ति - यदि अकेले खाने की थाली पर्याप्त प्रेरणा नहीं दे रही है, तो उस भोजन का हिस्सा बनाने का प्रयास करें जिसे आप जानते हैं कि आपका बच्चा पसंद करता है, यानी सब्जी। अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को पढ़ें
'पहले-फिर बोर्ड'.
3. सांकेतिक भाषा: इसमें शब्दों को संप्रेषित करने के लिए सांकेतिक भाषा का उपयोग शामिल है। कुछ बच्चों को इशारों और संकेतों के माध्यम से गैर-मौखिक रूप से संवाद करना आसान लगता है।
4. सहायक प्रौद्योगिकियाँ:
चित्र संचार का उपयोग जैसे ऐप्स के माध्यम से भी किया जा सकता है जेलो तथा आवाज़, जिसमें उन दृश्यों की एक सूची है जिनका उपयोग संचार के लिए किया जा सकता है।
स्वस्थ व्यवहार को सुदृढ़ करना:
- कभी-कभी किसी कार्य को पूरा करने पर पुरस्कार देने के लिए दृश्यों का उपयोग किया जाता है। पुरस्कार का उपयोग बच्चे को कार्य पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है।
- उदाहरण के लिए, 'अभी' अनुभाग आकृतियों को क्रमबद्ध कर सकता है और 'अगला' अनुभाग एक इनाम प्रदान करता है - लाइट-अप खिलौना।
- यहां, दृश्यों का उपयोग बच्चे को कार्य पूरा करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में किया जाता है। इसका मतलब है कि हमें रचनात्मक होने और विचार करने की आवश्यकता है कि क्या गतिविधि निम्नलिखित की पेशकश कर रही है:
- क्या यह मजेदार है?
- क्या यह उनके विकास के स्तर के लिए अनुकूलित है?
- क्या यह देखने में आकर्षक है?
- क्या यह खेलने के लिए एक अनूठा निमंत्रण है? क्या यह प्रेरक है?
क्या पिक्चर कम्युनिकेशन का उपयोग करने से मेरे बच्चे के भाषण विकास पर असर पड़ेगा?
- पिक्चर कम्युनिकेशन का उपयोग करते समय माता-पिता की प्राथमिक चिंताओं में से एक यह है कि बच्चा 'भाषण' विकास या 'मौखिक' विकास में पिछड़ सकता है। हालाँकि अपने बच्चे को नए शब्द सीखने और उनकी शब्दावली विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना अच्छा है, लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि वे किसी भी संभव रूप में संवाद करना सीखें।
- हमने ऐसे कई उदाहरण देखे होंगे जब हम किसी वाक्य में सही शब्द ढूंढने में असफल हो जाते हैं, जिससे हमारी जीभ कांपने लगती है। उस बच्चे की हताशा की कल्पना करें जो खुद को अभिव्यक्त करने का सही तरीका खोजने के लिए अपना पूरा जीवन प्रयास कर रहा है।
- कृपया ध्यान रखें कि दृश्यों का उपयोग आपके बच्चे को बेहतर ढंग से संवाद करने में सक्षम बनाता है और खुद को व्यक्त न कर पाने से होने वाली निराशा को कम करता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें विकास के लिए सही संसाधन और वातावरण प्रदान करें।
यदि आपके पास ऑटिज्म, डाउन सिंड्रोम, एडीएचडी, या अन्य बौद्धिक अक्षमताओं के बारे में प्रश्न हैं, या किसी बच्चे में विकासात्मक देरी के बारे में चिंता है, तो नई दिशा टीम मदद के लिए यहां है। किसी भी प्रश्न या प्रश्न के लिए, कृपया हमारी मुफ़्त हेल्पलाइन पर संपर्क करें
844-844-8996आप हमें कॉल या व्हाट्सएप कर सकते हैं। हमारे काउंसलर अंग्रेजी, हिंदी, मलयालम, गुजराती, मराठी, तेलुगु और बंगाली सहित विभिन्न भाषाएँ बोलते हैं। अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है। [post_title] => चित्र संचार के लिए मूल मार्गदर्शिका [post_excerpt] => [post_status] => प्रकाशित करें [comment_status] => खोलें [ping_status] => खोलें [post_password] => [post_name] => चित्र संचार के लिए मूल मार्गदर्शिका [to_ping] => [pinged] => [post_modified] => 2024-01-25 11:58:08 [post_modified_gmt] => 2024-01-25 06:28:08 [post_content_filtered] => [post_parent] => 0 [guid] => https://nayi-disha.org/article/ [menu_order] => 0 [post_type] => पोस्ट [post_mime_type] => [comment_count] => 0 [filter] => कच्चा ) [1] => WP_Post ऑब्जेक्ट ( [ID] => 88627 [post_author] => 27568 [post_date] => 2023-12-11 16:21:49 [post_date_gmt] => 2023-12-11 10:51:49 [post_content] => बोलने में कठिनाई वाले बच्चे के लिए, बुनियादी ज़रूरतों को बताना भी भ्रामक और चुनौतीपूर्ण हो सकता है। चित्र संचार का उपयोग करने से बच्चे को बिना किसी चिंता के अपनी ज़रूरतों को आसानी से व्यक्त करने में सहायता मिल सकती है। यह बुनियादी ज़रूरतों, आपातकालीन ज़रूरतों को बताने, दैनिक जीवन की गतिविधियों में शामिल चरणों के बारे में जानने और किसी दूसरे के साथ अपनी भावनाओं को संप्रेषित करने के लिए चित्रों के रूप में हो सकता है। यहाँ चित्र अनुसूचियों के उदाहरण दिए गए हैं जिनका उपयोग एक गैर-मौखिक बच्चा संवाद करने के लिए कर सकता है:
-
- आपातकालीन कार्डों का उपयोग तत्काल जरूरतों जैसे सुरक्षा चिंताओं, भारीपन की भावनाओं या यहां तक कि आपातकालीन शौचालय की जरूरतों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
- आपातकालीन कार्डों का एक अलग सेट होने से आवश्यकता पड़ने पर बच्चे को उन तक आसानी से पहुंचने में मदद मिलती है।
यदि आपके पास ऑटिज्म, डाउन सिंड्रोम, एडीएचडी, या अन्य बौद्धिक अक्षमताओं के बारे में प्रश्न हैं, या किसी बच्चे में विकासात्मक देरी के बारे में चिंता है, तो नई दिशा टीम मदद के लिए यहां है। किसी भी प्रश्न या प्रश्न के लिए, कृपया हमारी मुफ़्त हेल्पलाइन पर संपर्क करें
844-844-8996आप हमें कॉल या व्हाट्सएप कर सकते हैं। हमारे काउंसलर अंग्रेजी, हिंदी, मलयालम, गुजराती, मराठी, तेलुगु और बंगाली सहित विभिन्न भाषाएँ बोलते हैं। अस्वीकरण: कृपया ध्यान दें कि यह लेख केवल सूचना के उद्देश्यों के लिए है। [post_title] => आपातकालीन कार्ड [post_excerpt] => [post_status] => प्रकाशित करें [comment_status] => खोलें [ping_status] => खोलें [post_password] => [post_name] => आपातकालीन-कार्ड [to_ping] => [pinged] => [post_modified] => 2024-01-25 13:54:51 [post_modified_gmt] => 2024-01-25 08:24:51 [post_content_filtered] => [post_parent] => 0 [guid] => https://nayi-disha.org/article/ [menu_order] => 0 [post_type] => पोस्ट [post_mime_type] => [comment_count] => 0 [filter] => raw ) ) [post_count] => 2 [current_post] => -1 [in_the_loop] => [post] => WP_Post ऑब्जेक्ट ( [ID] => 88564 [post_author] => 22669 [post_date] => 2023-12-11 16:57:14 [post_date_gmt] => 2023-12-11 11:27:14 [post_content] =>
एक बच्चे के रूप में, हम सभी रोते हुए संवाद करना शुरू करते हैं, जिससे माता-पिता को पता चलता है कि 'मुझे भूख लगी है' या 'मैं असहज महसूस कर रहा हूं।' वर्षों से, हर बच्चा अपनी ज़रूरतों को व्यक्त करने के अलग-अलग तरीके अपनाता है, जैसे रोना, हँसना, यह बताना कि उन्हें क्या चाहिए। विभिन्न चीज़ों का वर्णन करने के लिए वे अपने परिवेश से 'इशारों' और शब्दों को भी सीखते हैं।
लेकिन अक्सर, हम 'मौखिक' कौशल विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जबकि गैर-मौखिक संचार धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। कभी-कभी, ऑटिज्म या अन्य विकासात्मक विकलांगताओं वाले व्यक्तियों को मौखिक संचार में अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो सकती है। चित्र अनुसूचियाँ संचार को सुविधाजनक बनाने के लिए मूल्यवान उपकरण के रूप में काम कर सकती हैं, खासकर जब मौखिक अभिव्यक्ति चुनौतीपूर्ण बनी हुई हो। चित्र संचार का उपयोग सीखने की प्रक्रिया में आनंद का तत्व भी लाता है, और संचार से जुड़ी चिंता को कम करने में मदद करता है।
चित्र संचार का उपयोग करने के तरीके:
- चित्र शेड्यूल: इसमें किसी गतिविधि में शामिल चरणों का अनुक्रम या दिन के लिए निर्धारित सभी कार्यों की श्रृंखला बनाने के लिए चित्रों का उपयोग करना शामिल है। यहाँ कुछ नमूने हैं:
दैनिक कार्यक्रम (सुबह की दिनचर्या, रात की दिनचर्या, शौचालय, ब्रश करना और स्नान)
- संचार कार्ड (अनुरोध, निर्देश और भावना कार्ड)
- आपातकालीन कार्ड(आपातकालीन आवश्यकताएँ)
- शब्दावली कार्ड: लोग, रोजमर्रा की जरूरतें, खाद्य पदार्थ, खेल, शरीर के अंग, मूल रंग, मूल आकार, स्टेशनरी आइटम, घरेलू सामान, जानवर, वाहन और घूमने की जगहें।
- कार्यात्मक गतिविधि कार्ड: खेल और गतिविधि विकल्प।
2.'
अब, अगला और फिर' बोर्ड: माता-पिता दृश्य चित्रों का उपयोग करके, या बस बोर्ड पर चीजें बनाकर और प्रत्येक गतिविधि के लिए आवश्यक समय का संकेत देकर गतिविधियों को सूचीबद्ध कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, रामू कारों के साथ खेल रहा है, लेकिन जल्द ही रात के खाने का समय हो गया। 'अभी' अनुभाग पर, कार के लिए एक दृश्य बनाएं या उसका उपयोग करें और 'अगला' पर एक डिनर प्लेट और चाकू और कांटा बनाएं। शीर्ष युक्ति - यदि अकेले खाने की थाली पर्याप्त प्रेरणा नहीं दे रही है, तो उस भोजन का हिस्सा बनाने का प्रयास करें जिसे आप जानते हैं कि आपका बच्चा पसंद करता है, यानी सब्जी। अधिक जानने के लिए इस ब्लॉग को पढ़ें
'पहले-फिर बोर्ड'.
3. सांकेतिक भाषा: इसमें शब्दों को संप्रेषित करने के लिए सांकेतिक भाषा का उपयोग शामिल है। कुछ बच्चों को इशारों और संकेतों के माध्यम से गैर-मौखिक रूप से संवाद करना आसान लगता है।
4. सहायक प्रौद्योगिकियाँ:
चित्र संचार का उपयोग जैसे ऐप्स के माध्यम से भी किया जा सकता है जेलो तथा आवाज़, जिसमें उन दृश्यों की एक सूची है जिनका उपयोग संचार के लिए किया जा सकता है।
स्वस्थ व्यवहार को सुदृढ़ करना:
- कभी-कभी किसी कार्य को पूरा करने पर पुरस्कार देने के लिए दृश्यों का उपयोग किया जाता है। पुरस्कार का उपयोग बच्चे को कार्य पूरा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किया जाता है।
- उदाहरण के लिए, 'अभी' अनुभाग आकृतियों को क्रमबद्ध कर सकता है और 'अगला' अनुभाग एक इनाम प्रदान करता है - लाइट-अप खिलौना।
- यहां, दृश्यों का उपयोग बच्चे को कार्य पूरा करने के लिए प्रोत्साहन के रूप में किया जाता है। इसका मतलब है कि हमें रचनात्मक होने और विचार करने की आवश्यकता है कि क्या गतिविधि निम्नलिखित की पेशकश कर रही है:
- क्या यह मजेदार है?
- क्या यह उनके विकास के स्तर के लिए अनुकूलित है?
- क्या यह देखने में आकर्षक है?
- क्या यह खेलने के लिए एक अनूठा निमंत्रण है? क्या यह प्रेरक है?
क्या पिक्चर कम्युनिकेशन का उपयोग करने से मेरे बच्चे के भाषण विकास पर असर पड़ेगा?
- पिक्चर कम्युनिकेशन का उपयोग करते समय माता-पिता की प्राथमिक चिंताओं में से एक यह है कि बच्चा 'भाषण' विकास या 'मौखिक' विकास में पिछड़ सकता है। हालाँकि अपने बच्चे को नए शब्द सीखने और उनकी शब्दावली विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करना अच्छा है, लेकिन इससे भी अधिक महत्वपूर्ण बात यह है कि वे किसी भी संभव रूप में संवाद करना सीखें।
- हमने ऐसे कई उदाहरण देखे होंगे जब हम किसी वाक्य में सही शब्द ढूंढने में असफल हो जाते हैं, जिससे हमारी जीभ कांपने लगती है। उस बच्चे की हताशा की कल्पना करें जो खुद को अभिव्यक्त करने का सही तरीका खोजने के लिए अपना पूरा जीवन प्रयास कर रहा है।
- कृपया ध्यान रखें कि दृश्यों का उपयोग आपके बच्चे को बेहतर ढंग से संवाद करने में सक्षम बनाता है और खुद को व्यक्त न कर पाने से होने वाली निराशा को कम करता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम उन्हें विकास के लिए सही संसाधन और वातावरण प्रदान करें।
यदि आपके पास ऑटिज्म, डाउन सिंड्रोम, एडीएचडी, या अन्य बौद्धिक अक्षमताओं के बारे में प्रश्न हैं, या किसी बच्चे में विकासात्मक देरी के बारे में चिंता है, तो नई दिशा टीम मदद के लिए यहां है। किसी भी प्रश्न या प्रश्न के लिए, कृपया हमारी मुफ़्त हेल्पलाइन पर संपर्क करें
844-844-8996. You can call or what's app us. Our counselors speak different languages including English, Hindi, Malayalam, Gujarati, Marathi, Telugu, and Bengali.
DISCLAIMER: Please note that this article is for information purposes only.
[post_title] => Parent guide for Picture Communication
[post_excerpt] =>
[post_status] => publish
[comment_status] => open
[ping_status] => open
[post_password] =>
[post_name] => parent-guide-for-picture-communication
[to_ping] =>
[pinged] =>
[post_modified] => 2024-01-25 11:58:08
[post_modified_gmt] => 2024-01-25 06:28:08
[post_content_filtered] =>
[post_parent] => 0
[guid] => https://nayi-disha.org/article/
[menu_order] => 0
[post_type] => post
[post_mime_type] =>
[comment_count] => 0
[filter] => raw
)
[comment_count] => 0
[current_comment] => -1
[found_posts] => 23
[max_num_pages] => 12
[max_num_comment_pages] => 0
[is_single] =>
[is_preview] =>
[is_page] =>
[is_archive] => 1
[is_date] =>
[is_year] =>
[is_month] =>
[is_day] =>
[is_time] =>
[is_author] =>
[is_category] =>
[is_tag] => 1
[is_tax] =>
[is_search] =>
[is_feed] =>
[is_comment_feed] =>
[is_trackback] =>
[is_home] =>
[is_privacy_policy] =>
[is_404] =>
[is_embed] =>
[is_paged] =>
[is_admin] =>
[is_attachment] =>
[is_singular] =>
[is_robots] =>
[is_favicon] =>
[is_posts_page] =>
[is_post_type_archive] =>
[query_vars_hash:WP_Query:private] => ff458a5f9f3df4adc0f36e429157a31e
[query_vars_changed:WP_Query:private] =>
[thumbnails_cached] =>
[allow_query_attachment_by_filename:protected] =>
[stopwords:WP_Query:private] =>
[compat_fields:WP_Query:private] => Array
(
[0] => query_vars_hash
[1] => query_vars_changed
)
[compat_methods:WP_Query:private] => Array
(
[0] => init_query_flags
[1] => parse_tax_query
)
)