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नवजात शिशुओं की जेनेटिक जांच क्यों आवश्यक है?

डॉ.प्रज्ञ रंगनाथ

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महत्वपूर्ण जानकारी

हम इस लेख के मुख्य बिंदु तैयार कर रहे हैं। वे जल्द ही उपलब्ध होंगे।

शरीर में कुछ रसायनो में वृद्धि जो मस्तिष के विकास को प्रभावित कर सकती हैं, उन्हें मेटाबोलिक डिसऑर्डर कहा जाता है। जन्म के २ या ३ दिन के बाद, बच्चे के रक्त में मेटाबोलिक रसायनो की जांच हो सकती है, जो बच्चे में मेटाबोलिक डिसऑर्डर का कारण बन सकता है। मेटाबोलिक विकारो के प्रारंभिक पहचान और उपचार से संभावित मस्तिष क्षति को रोका जा सकता है। हाइपोथायरायडिज्म, फेनाइलकीटोयूरिआ, गलैक्टोसेमिआ मेटाबोलिक विकारो के सामान्य उदाहरण हैं।

अस्वीकरण : इस वीडियो के किसी भी भाग को चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए, और इसका उपयोग केवल सूचना उद्देश्यों के लिए है |

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