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विकलांग बच्चों के साथ संवाद करने के लिए मुख्य सुझाव

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Nayi Disha Team

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महत्वपूर्ण जानकारी

1. हर बच्चा अलग-अलग तरीके से बात करता है—शब्दों, इशारों, आवाज़ों या भावनाओं के ज़रिए।
2. घर पर संवाद को बढ़ावा देने से बच्चों को स्कूल या थेरेपी से बाहर भी अपनी बात रखने में मदद मिलती है।
3. खेल, भाषा सीखने और रिश्ते बनाने का एक अच्छा तरीका है।
4. अच्छे संवाद के तरीके में शामिल हैं:
• बच्चे का ध्यान पहले आकर्षित करें।
• साफ और समझने वाली भाषा का इस्तेमाल करें।
• रोज़ाना खेल में बच्चे की अभिव्यक्ति को समर्थन दें।
5. बच्चे के बात करने के खास तरीके को समझना, उसके विकास में मदद करता है।

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संचार की अलग-अलग शैलियों को बढ़ावा देना

हर बच्चा अपने खास तरीके से बात करता है—चाहे वह शब्दों, इशारों, आवाज़ों या चेहरे के भावों के ज़रिए हो। यह समझना ज़रूरी है कि हर तरीका मायने रखता है, इसलिए एक ऐसा घर बनाना जरूरी है जो इन अलग-अलग शैलियों को बढ़ावा दे। जब परिवार मिलकर पढ़ते हैं, खेल खेलते हैं या बस अपने दिन के बारे में बातें करते हैं, तो यह बच्चों को अपनी बात कहने और उसे सुधारने के लिए अच्छे मौके देता है। यह घर का वातावरण बच्चों को न केवल स्कूल या थेरेपी में सीखे हुए कौशल को मजबूत करने में मदद करता है, बल्कि उनका आत्मविश्वास भी बढ़ाता है, जिससे वे खुद को समझा हुआ और महत्वपूर्ण महसूस करते हैं। समय के साथ, यह तरह-तरह की बातचीत बच्चों को अपने आस-पास की दुनिया से जुड़ने का एक और बेहतर तरीका सिखाती है।

संचार को समर्थन देने के मुख्य तरीके:

  1. बोलने से पहले अपने बच्चे का ध्यान आकर्षित करें
    बातचीत शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि आपका बच्चा आपकी तरफ ध्यान दे रहा है। खासकर विकलांग बच्चों के लिए, वे अक्सर अपनी गतिविधि या अनुभव में बहुत खोए रहते हैं और जल्दी से ध्यान नहीं बदल पाते।
    उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए:
  • उनके आँखों के स्तर पर आकर बात करें, ताकि वे आराम से आपसे जुड़ सकें।
    • बोलने से पहले उनके नाम का इस्तेमाल करें, इससे यह साफ़ होगा कि आप उनसे बात कर रहे हैं।
    • रुककर उनकी आँखों से संपर्क करने या स्वीकृति के संकेत का इंतजार करें, फिर आगे बढ़ें।
    • अगर आवाज़ से ध्यान नहीं आता, तो हल्के स्पर्श या दिखाने वाले संकेत का इस्तेमाल करें।

जब बच्चा महसूस करता है कि उसे देखा जा रहा है और जुड़ा हुआ है, तो वह बातचीत में बेहतर तरीके से शामिल होता है।

  1. अपनी भाषा और लहजे का ध्यान रखना
    आप जो शब्द चुनते हैं और जिस तरिके से बात करते हैं, उनका बड़ा असर पड़ सकता है, कि बच्चा संचार को कैसे समझे और उस पर कैसे प्रतिक्रिया दे। विकलांग बच्चे, खासकर जो संवेदी संवेदनशीलता या संचार में कठिनाई का सामना करते हैं, वे आवाज़ के स्वर या आवाज़ की तीव्रता में छोटे-छोटे बदलावों को भी महसूस कर सकते हैं। एक सुरक्षित और सहायक माहौल बनाने के लिए:
  • सरल और साफ़ भाषा का इस्तेमाल करें, जो बच्चे की समझ के हिसाब से हो।
    • मुश्किल बातें छोटे, आसान चरणों में बाँटकर बताएं।
    • तनाव या भ्रम को कम करने के लिए शांत और मुलायम लहजा रखें।
    • व्यंग्य या ऐसे शब्दों से बचें, जिन्हें बच्चा गलत समझ सकता है।

जब आप अपनी भाषा और लहजे का सही तरीके से इस्तेमाल करते हैं, तो यह बच्चे को बेहतर समझने और सुरक्षित महसूस करने में मदद करता है, जिससे संचार और भी प्रभावी बनता है।

  1. रोज़ खेलकर साथ समय बिताना – क्योंकि खेल से जुड़ाव और भाषा दोनों बढ़ते हैं

खेल बच्चों में विश्वास बनाने, भावनाओं से जुड़ने और बात करने की आदत को बढ़ाने का एक मज़ेदार और असरदार तरीका है। विकलांग बच्चों के लिए, खेल एक ऐसा ज़रिया बन सकता है जिससे वे नई बातें सीखते हैं और दूसरों के साथ जुड़ना समझते हैं।

खेलते समय:
• अपने बच्चे को आगे बढ़ने दें – जैसे वह खेलना चाहता है, वैसा ही खेलने दें। इससे उसका आत्मविश्वास और आज़ादी बढ़ती है।
• उसके पसंदीदा खिलौने, खेल या अनुभव शामिल करें – जो उसे अच्छा लगे और जिसमें उसकी दिलचस्पी हो।
• जो कुछ खेल में हो रहा है, उसे बोलकर बताएं – इससे वह नए शब्द और बातें आसानी से सीख पाएगा।
• कल्पनाशील खेल (जैसे डॉक्टर-डॉक्टर, दुकान वाला) के ज़रिए आप सामाजिक व्यवहार और समस्या हल करने की बातें दिखा सकते हैं।

हर दिन का थोड़ा-सा खेल का समय, न सिर्फ माता-पिता और बच्चे के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि मज़ेदार माहौल में उसकी भाषा, सोचने की शक्ति और भावनाओं को समझने की क्षमता भी बढ़ाता है।

खेल के ज़रिए हम यह भी समझ सकते हैं कि बच्चा दुनिया के साथ कैसे जुड़ता है।
ऊपर दिए गए इन्फोग्राफिक में और भी आसान संचार के टिप्स जानें।
साथ ही, देखिए लावण्या कैसे अपने बेटे केदार के साथ अपनी यात्रा साझा करती हैं – जहाँ केदार अपने हिसाब से सबसे अच्छा संवाद करता है।

स्वीकृति
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नोट: यह जानकारी सिर्फ समझाने और बताने के लिए दी गई है।

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